मीराबाई के सुबोध पद

51. राघ बिलावल

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पियाजी म्हारे नैणां आगे रहज्यो जी।। नैणां आगे रहज्यो म्हारे, भूल मत जाज्यो जी। भौ-सागर में बही जात हूं, बेग म्हारी सुधि लीज्यो जी।। राणाजी भेज्या बिखका प्याला, सो इमरति कर दीज्यो जी। मीरा के प्रभु गिरधर नागर, मिल बिछुडन मत कीज्यो जी।।12।। शब्दार्थ /अर्थ :- नैणा =नयन, आंखें। बिख = विष, जहर। इमरित -अमृत।